शेयर मार्केट में किसी भी सेगमेंट में ट्रेडिंग करने से पहले TECHNICAL ANALYSIS ( तकनीकि विश्लेषण ) करके मार्केट की दिशा का सही अनुमान लगाया जाता हैं। आपने ट्रेडिंग के लिए जो भी स्टॉक या इंडेक्स का चयन किया हैं, उसका ट्रेंड अप साइड हैं, या डाउन साइड या फिर साइड वेज चल रहा हैं, ये समझने के लिए TECHNICAL CHART पर आप इंडीकेटर का प्रयोग करके मार्केट की दिशा का सही और सटीक अंदाजा लगा सकते हैं।

TECHNICAL ANALYSIS क्या होता हैं ?
जब किसी भी स्टॉक या इंडेक्स को लेकर ट्रेडिंग करने से पहले TECHNICAL CHART पर उस स्टॉक या इंडेक्स की प्राइज में आज से पहले जो बदलाव ( PERFORMANCE ) हुए थे, उस मार्केट प्राइस डाटा को देखकर कैंडल स्टिक और इंडिकेटर का उपयोग करके आगे मार्केट का क्या TREND रहे सकता हैं ,आगे मार्केट किस दिशा में जा सकता हैं, मार्केट प्राइस कहा पर SUPPORT और RESISTANCE ले सकता हैं, इस बात का अनुमान लगाने की प्रक्रिया को TECHNICAL ANALYSIS या CHART ANALYSIS कहते हैं।
TECHNICAL ANALYSIS एक ऐसी पद्धति होती है, जिसमे TECHNICAL CHART पर मार्केट प्राइज में हुए पिछले बदलाव को देखकर आगे मार्केट की क्या चाल हो सकती हैं, इसे INDICATOR और कुछ TOOLS का उपयोग कर के समझा जाता हैं।
टेक्निकल चार्ट पर कुछ INDICATOR और TOOLS के उपयोग से TECHNICAL ANALYSIS करके सभी प्रकार के ट्रेडिंग सेगमेंट में ट्रेडिंग किए जा सकती हैं। और मार्केट से अच्छे प्रॉफिट निकालने का प्रयास किया जा सकता हैं।
अब हम समझते हैं की वो कोन से इंडीकेटर और टूल्स हैं, जिसका उपयोग TECHNICAL ANALYSIS ( तकनीकी विश्लेषण ) के लिए सबसे ज्यादा किया जाता हैं। लेकीन उससे पहले हमें CANDLE STICK को समझना बेहद जरूरी होगा।
TECHNICAL ANALYSIS करते समय 14 प्रकार के कैंडल चार्ट मिल जाते हैं। लेकिन उनमें से जो अधिक लोकप्रिय चार्ट हैं, उन्हें हम अच्छे से समझेंगे।
- CANDLE STICK CHART :- टेक्निकल चार्ट पर ये एक सबसे लोकप्रिय कैंडल मानी जाती हैं। इस CANDLE प्रकार में मार्केट प्राइज में चल रहे बदलाव अनुसार अलग अलग प्रकार में कैंडल का स्वरूप बदलते रहता हैं। जैसे की MORO BOJU ,HAMMER , INVERTED HAMMAR , DOJI , GRAVE STONE DOJI , DRAGAN FLY DOJI , HANGING MAN , SOOTING STAR , MORNING STAR , BULLISH INGULFING , BEARISH INGULFING , WHITE SHOULDER , BLACK SHOULDER आदि. ऐसे बहुत सारी कैंडल बनती हैं। इन हर एक कैंडल के बनने के बाद मार्केट ट्रेंड में बदलाव होता हैं। इस लिए CANDLE STICK का उपयोग करके अच्छे से TECHNICAL ANALYSIS किया जा सकता हैं।
- HEIKIN ASHI CHART :- ये भी एक सबसे पॉपुलर कैंडल चार्ट है। ये कैंडल चार्ट समझने में बहुत ही आसान होता हैं। इस चार्ट को देखकर आसानी से उस समय चल रहे मार्केट ट्रेंड का अनुमान लगाया जाता हैं। क्यू की ये कैंडल जब मार्केट प्राइस गिर रहा होता हैं , तब लाल रंग का कैंडल बनाता हैं। और जब मार्केट प्राइस बढ़ रहा होता हैं, तो हरे रंग के कैंडल बनाते जाता हैं। इस के कारण मार्केट ट्रेंड अप साइड हैं या डाउन साइड इसका आसानी से अनुमान लग जाता हैं। इस लिए ये एक लोकप्रिय कैंडल मानी जाती हैं।
- HOLLOW CHART :- इस प्रकार की कैंडल का टेक्निकल चार्ट पर ट्रेडर्स द्वारा थोड़ा बहुत उपयोग किया जाता हैं। ये कैंडल चार्ट बिल्कुल CANDLE STICK चार्ट जैसे ही होता हैं , बस इस चार्ट में हरे रंग की कैंडल HOLLOW ( खोखला ) दिखाई देती हैं। बाकी CANDLE STICK चार्ट की तुलना में HOLLOW कैंडल चार्ट में कुछ और बदलाव नहीं होते हैं। तो इसलिए समझने में HOLLOW कैंडल चार्ट भी आसान होता हैं।
- BAR CHART :- इस प्रकार की कैंडल मे जैसे मार्केट प्राइस में बदलाव होते रहता हैं, वैसे वैसे चार्ट पर कैंडल की जगह पतला बार बनते जाता हैं। ये TECHNICAL CHART पर बहुत ही अस्पष्ट दिखाई देता हैं। और नए ट्रेडर्स या सब के लिए समझने में कठिन होता हैं। इस कारण इस कैंडल प्रकार का TECHNICAL ANALYSIS करते समय बहुत कम उपयोग होता हैं।
- LINE CHART :- टेक्निकल चार्ट पर ट्रेंड का अनुमान लगाने के लिए इस LINE CHART का उपयोग बहुत ही कम होता हैं। क्यू की LINE CHART का प्रयोग करके TECHNICAL ANALYSIS करना बहुत मुश्किल काम होता हैं। लाइन चार्ट मार्केट के चल रहे प्राइस के HIGH अनुसार टेक्निकल चार्ट पर लाइन बनाते रहता हैं। इस से मार्केट ट्रेंड का हमे अंदाजा लगाना आसान नहीं होता हैं। इस लिए लाइन चार्ट का टेक्निकल एनालिसिस करने के लिए बहुत कम प्रयोग होता हैं।
- AREA CHART :- टेक्निकल एनालिसिस करते समय ट्रेंड का अनुमान लगाने के लिए AREA CHART का भी बहुत ही कम उपयोग होता हैं। क्यू की AREA CHART से TECHNICAL ANALYSIS करना बड़ा मुश्किल काम होता हैं। AREA CHART में लाइन चार्ट के जैसे ही चल रहे मार्केट प्राइस के HIGH अनुसार चार्ट पर लाइन की जगह डार्क एरिया बनते जाता हैं। इससे हम मार्केट ट्रेंड का अनुमान सही से नहीं लगा सकते । इस कारण एरिया चार्ट का ज्यादातर टेक्निकल एनालिसिस करने के लिए उपयोग नहीं किया जाता।

इस तरह और भी 8 प्रकार के चार्ट होते हैं , जैसे की COLOUMNS CHART, BASE LINE CHART , RANKO CHART, HIGH LOW CHART, LINE BREAK CHART, KEGI CHART, POINT & FIGURE CHART और RANGE CHART ये सब मिलाके 14 कैंडल चार्ट होते हैं,
मगर जिन कैंडल चार्ट का TECHNICAL ANALYSIS में सबसे अधिक उपयोग होता हैं और जो समझने में सबसे आसान हैं, ऐसे 6 कैंडल चार्ट का ही हमने यहां पर विश्लेषण करना उचित समझा हैं। बाकी जो 8 कैंडल चार्ट होते हैं , उनका उपयोग करना और समझना बेहद जटिल होता हैं।
इस कारण हम यहां उन सब चार्ट का विस्तूत में खुलासा नहीं करेंगे। अगर इन सब चार्ट को हमने यहां समझने प्रयास किया तो आपके लिए कैंडल को समझने में बहुत कन्फ्यूजन हो सकता हैं। फिर भी ट्रेडर्स अपनी अपनी समझ और इच्छा अनुसार इन 14 प्रकार के चार्ट में से किसी एक का TECHNICAL ANALYSIS करते समय उपयोग करते हैं।
लेकिन इनमें सबसे अधिक तर CANDLESTICK CHART और HIEKIN ASHI CHART का ही ट्रेडर्स TECHNICAL ANALYSIS करते समय अधिक उपयोग करते हैं।
अब हम बात करते हैं की TECHNICHAL ANALYSIS करने के लिए कोन से इंडीकेटर का ट्रेडर्स द्वारा सबसे ज्यादा उपयोग किया जाता हैं। जो की सबसे लोकप्रिय इंडिकेटर भी हैं।
TECHNICAL ANALYSIS के लिए सबसे BEST INDICATOR :-
TECHNICAL ANALYSIS के लिए चार्ट पर बहुत सारे INDICATOR मिल जाते हैं, लेकिन उनमें से कुछ ही इंडिकेटर का ट्रेडर्स अधिक उपयोग करते है। उन इंडिकेटर को हम यहां समझते हैं।
1) MOVING AVERAGE :- टेक्निकल एनालिसिस करने के लिए ये सबसे अधिक पसंदीदा इंडीकेटर हैं। इस इंडीकेटर का प्रयोग करके आसानी से मार्केट की दिशा (TREND) का अनुमान लगाया जा सकता हैं। किसी भी सेगमेंट में ट्रेडिंग करने हेतु इस इंडिकेटर का उपयोग करके मार्केट ट्रेंड का अनुमान लगाना सहज हो जाता हैं।

इसमें मुख्य दो प्रकार के MOVING AVERAGE का उपयोग होता हैं। उसमे से पहला हैं SMA (SIMPLE MOVING AVERAGE) और दूसरा हैं EMA (EXPONATIONAL MOVING AVERAGE) , SMA की तुलना मे EMA मार्केट के प्राइस VOLATALITY अनुसार चार्ट पर जल्दी मुड़ते रहता हैं। इस लिए आपको बस टेक्निकल चार्ट पर EMA या SMA को सेट करना हैं।
आप अगर INTRADAY TRADING कर रहे हो या फिर SHORT TERM/ LONG TERM TRADING कर रहे हो, उसके अनुसार आप चार्ट पर 5/10/20/50/100DAYS इस में कोई एक या एक से अधिक MOVING AVERAGE को चार्ट पर सेट कर सकते हो।
अगर आप INTRADAY TRADING कर रहे हो तो आप 5 से 20 DAYS तक के मूविंग एवरेज को चार्ट पर लगा सकते हो, या फिर आप SHORT TERM या LONG TERM पर में काम कर रहे हो तो आप 50,100 या 200DAYS के मूविंग एवरेज को चार्ट में सेट कर सकते हो। इस प्रकार से आपको चार्ट में MOVING AVERAGE की सेटिंग करनी हैं।
जब भी टेक्निकल चार्ट पर EMA या SMA के उपर अगर मार्केट प्राइस मतलब कैंडल स्टीक मूव करता हैं, तो वहा से BUY सिग्नल मिलता हैं ,और अगर मार्केट प्राइस मतलब कैंडल स्टिक EMA या SAMA के नीचे जाने लगता हैं तो वहा से SELL सिग्नल मिलता हैं। इस तरह से हमे MOVING AVERAGE को चार्ट पर लगाकर मार्केट ट्रेंड का आसानी से अनुमान लग जाता हैं।
2) BOLINGER BAND :- बोलिंगर बैंड ये भी एक पॉपुलर चार्ट इंडिकेटर हैं। इस इंडिकेटर का उपयोग करना बड़ा आसान होता हैं। नए ट्रेडर भी इसे आसानी से टेक्निकल चार्ट पर सेट करके ट्रेडिंग कर सकते हैं। SCALPING TRADING करते समय इस इंडिकेटर का अधिक उपयोग किया जाता हैं। इससे आपको ENTRY , EXIT और STOP LOSS कैसे और कहा लगाना हैं, ये समझना आसन हो सकता हैं।

इस इंडिकेटर को आप जैसे ही चार्ट पर सेट करोगे तो आपको चार्ट पर तीन लेवल मिल जाएंगे। ये तीन लेवल मिलाके चार्ट पर ZONE या बैंड बनाता हैं। मतलब की इस इंडिकेटर से चार्ट पर आपको ऑटोमेटिकली SUPPORT और RESISTANCE की लेवल मिलती हैं।
जब स्टॉक प्राइज MIDDLE लाइन के उपर जाने लगे तो आप नीचे की साइड सपोर्ट लेवल पर STOP LOSS और उपर की साईड RESISTANCE लेवल पर टारगेट लगाकर BUY ट्रेड ले सकते हो।
बिल्कुल उसी तरह जब स्टॉक प्राइज MIDDLE लाइन के नीचे की साईड मूव करे तो आप वहा से ऊपर की साईड रेसिस्टेंस पर STOP LOSS और नीचे की साइड सपोर्ट पर TARGET लगाकर SELL पोजिशन के लिए ENTRY ले सकते हो।
इस प्रकार से आप TECHNICAL ANALYSIS करने के लिए BOLLINGER BAND को चार्ट पर सेट करके ट्रेडिंग कर सकते हो। लेकिन आपको हमेशा टारगेट और स्टॉप लॉस का सही रेश्यो सेट करके ही ट्रेडिंग करनी हैं।
3)RELATIVE STRENGTH INDEX (RSI) :- RSI इस टेक्निकल इंडिकेटर से आपको उस समय चल रहे मार्केट के ट्रेंड का अनुमान लग जाता हैं। ये भी एक बहुत ही पॉपुलर इंडिकेटर हैं। इसका उपयोग लगभग सभी ट्रेडर्स TECHNICAL ANALYSIS करने के लिए करते हैं।

जब भी आप इस इंडिकेटर को चार्ट पर सेट करते हो तो आपको इसके सेटिंग में 0 से 100 का स्केल मिल जाता हैं। आपको इसके सेटिंग में नीचे की साइड 20 और उपर की साईड में 80 का लेवल सेट करना होता हैं। देखा जाए तो यही सबसे अच्छी सेटिंग होती हैं। और यह डिफॉल्ट सेटिंग भी होती हैं।
जब चार्ट पर RSI इंडिकेटर में ट्रेंड लाइन 20 स्केल लाइन के नीचे या 0 लाइन तक जाता हैं,तो स्टॉक या इंडेक्स OVER SOLD सोल्ड हुआ हैं , ऐसा संकेत हमे मिलता हैं। बाद में RSI TREND लाइन जब फिर से 20 लाइन के उपर जाने लगे तो वहा से स्टॉक फिर से BUY साइड जा सकता हैं, ऐसा इंडिकेट हो जाता हैं।
और जब RSI इंडिकेटर में ट्रेंड लाइन 80 स्केल लाइन के उपर या 100 लाइन तक जाता हैं,तो स्टॉक या इंडेक्स OVER BOUGHT हुआ हैं ,ऐसा संकेत हमे मिलता हैं। बाद में RSI TREND लाइन जब फिर से 80 लाइन के नीचे जाने लगे तो वहा से स्टॉक फिर से SELL साइड जा सकता हैं, ऐसा इंडिकेट हो जाता हैं।
इस प्रकार बहुत ही आसान तरीके से INTRADAY TRADING हो या SWING TRADING या फिर SCALPING TRADING इन सभी ट्रेडिंग प्रणाली में ट्रेड करते समय RSI INDICATOR का उपयोग किया जाता हैं। और मार्केट ट्रेंड का अनुमान लगाया जाता हैं। इन सभी सेगमेंट में TECHNICAL ANALYSIS करने के लिए RSI इंडिकेटर का बहुत अच्छे से उपयोग होता हैं।
4) PIVOT PONIT :- टेक्निकल चार्ट पर SUPPORT और RESISTANCE को दर्शाने के लिए ‘ PIVOT POINT ‘ ये इंडिकेटर होता हैं। TECHNICAL CHART पर उपर का जो लेवल होता हैं, उसे RESISTANCE और नीचे के लेवल को SUPPORT कहते हैं।

PIVOT PONIT इस इंडिकेटर को चार्ट पर सेट करके या मैनुअली लेवल निकाल कर भी जब भी मार्केट प्राइज RESISTANCE के उपर की साईड ब्रेकआउट देता हैं, तो वहा से BUY किया जा सकता हैं। और अगर मार्केट प्राइज SUPPORT लेवल से नीचे ब्रेक डाउन देता हैं ,तो वहा से SELL कर सकते हैं।
जो ट्रेडर मार्केट में नए होते हैं, वो टेक्निकल चार्ट पर PIVOT POINTS सेट करके भी सिर्फ लेवल फॉलो करके ट्रेडिंग करेंगे तो भी अच्छे प्रॉफिट निकाल सकते हैं। सिर्फ आपको STOP LOSS और TARGET STRICTLY लगाकर ट्रेडिंग करनी जरूरी होगी।
मैनुअली लेवल निकलने के लिए टेक्निकल चार्ट पर आप अपने हिसाब से टाइम फ्रेम सेट कर सकते हो। और आपको चार्ट पर कैंडल स्टिक के कुछ दो से अधिक ऐसे पॉइंट्स को तलाश करना हैं, जो लगभग एक ही लेवल में आते हो, उन्हें जोड़कर एक Horizontal Line Draw करनी होती हैं, और फिर उस लेवल के उपर मार्केट प्राइज अगर ब्रेकआउट देगा तो BUY और नीचे की साईड ब्रेकडाउन करे तो SELL करना हैं।
इस प्रकार SUPPORT और RESISTANCE को देखकर मार्केट के ट्रेंड का अनुमान लगाया जाता हैं। ये भी TECHNICHAL ANALYSIS करने का आसान तरीका हैं।
5) MACD :- MOVING AVERAGE CONVERGENCE DIVERGENCE ( MACD ) ये एक मोमेंटम इंडिकेटर हैं। यह सबसे लोकप्रिय इंडिकेटर हैं। मार्केट ट्रेंड BULLISH हैं, या BEARSISH चल रहा हैं, इसको समझने के लिए MACD इस इंडिकेटर का उपयोग किया जाता हैं। इस इंडिकेटर से हमे ट्रेंड जब बदलने लगता हैं ,तो उसके संकेत मिल जाते हैं। इस लिए यह एक TREND FOLLOW इंडिकेटर हैं।

इस इंडिकेटर की सबसे बेस्ट EMA सेटिंग 12, 26, 9 यह होती हैं। ये इंडिकेटर दो अलग अलग EMA के कॉम्बिनेशन से बनता हैं। इसमें 12 EMA लाइन को MACD लाइन कहते हैं, और 26 EMA लाइन को सिग्नल लाइन कहते हैं। और बिल्कुल मध्य में ‘0’ लाइन होती हैं। चार्ट पर MACD लाइन हरे रंग से और सिग्नल लाइन लाल रंग से दर्शाए जाते हैं।
इस प्रकार जब भी MACD लाइन ‘0’ लाइन के उपर की साइड हो तो BULLISH ट्रेंड और MACD लाइन ‘0’ लाइन के नीचे की साइड जाए तो BEARISH ट्रेंड माना जाता हैं।
और जब भी हरे रंग की MACD लाइन लाल रंग के सिग्नल लाइन को ‘0’ लाइन से उपर की साइड CROSS OVER करे तो वहा से मार्केट एक अच्छे BULLISH ट्रेंड में जाने की संभावना होती हैं।
उसी प्रकार जब भी हरे रंग की MACD लाइन लाल रंग के सिग्नल लाइन को ‘0’ लाइन से नीचे की साइड CROSS OVER करे तो वहा से मार्केट एक अच्छे BEARISH ट्रेंड में जाने की संभावना अधिक होती हैं।
उसी के साथ साथ जब मार्केट प्राइज HIGHER HIGH बना रहा होता हैं, तब MACD ‘0’ लाइन के उपर LOWER HIGH बनाये तो वहा से BEARISH TREND शुरू हो सकता हैं।
और जब मार्केट प्राइज LOWER LOW बना रहा होता हैं, तब MACD ‘0’ लाइन के नीचे HIGHER LOW बनाए ,तो वहा से BULLISH TREND शुरू हो सकता हैं।
इस प्रकार आप TECHNICAL ANALYSIS करने के लिए MACD INDICATOR का उपयोग सभी सेगमेंट में करके मार्केट ट्रेंड का सही अनुमान लगा सकते हो।
TECHINCAL ANALYSIS करने के लिए हमने यहां पर जो सबसे अधिक लोकप्रिय और उपयोग में आने वाले इंडिकेटर होते हैं ,उन्हें यहां पर समझा हैं। इनके अलावा दूसरे कुछ और भी टेक्निकल इंडिकेटर होते हैं, पर ट्रेडर्स उनका बहुत कम उपयोग करते हैं। इस लिए हमने उन्हें यहां समझना जरूरी नहीं समझा।
ये हो गए इंडिकेटर अब हम CANDLE STICK CHART PATTERN और टूल्स के बारे में समझते हैं। कीस तरह इन सब का भी TECHNICAL ANALYSIS करने के लिए उपयोग किया जाता हैं।
TECHNICAL ANALYSIS CHART PATTERN :-
जब भी आप CANDLE STICK चार्ट या फिर HIEKIN ASHI चार्ट का टेक्निकल एनालिसिस करने के लिए उपयोग करते हो तो गतिशील मार्केट प्राइस अनुसार चार्ट पर कुछ PATTERN बनते जाते हैं। वह अलग अलग स्वरूप में बनते रहते हैं। उस में से जब भी कुछ पैटर्न चार्ट पर बनते हैं तो उसके आकार अनुसार हमे मार्केट मूल्य वहा से घटेगा या बढ़ेगा, इसके संकेत मिल जाते हैं।
वह कोन कोन से चार्ट पैटर्न हैं, जिनको चार्ट पर देख कर हमे TECHNICAL ANALYSIS करने में आसानी होती हैं, उन चार्ट पैटर्न को हम यहां समझते हैं।
DOUBLE TOP ( M ) PATTERN :- टेक्निकल चार्ट पर किसी स्टॉक या इंडेक्स का एनालिसिस करते समय आपने इस पैटर्न को बहुत बार देखा होगा। ये चार्ट पैटर्न समझने में बहुत ही आसान होता हैं। जब भी मार्केट प्राइस उस समय के HIGH पर होता हैं, और तब टेक्निकल चार्ट पर कैंडल स्टीक RESISTANCE के पास इंग्लिश ‘M’ से मिलता जुलता कोई आकार बना देता हैं, तो वहा से हमे मार्केट प्राइस गिरने के संकेत मिल जाते हैं।

आपको एक बात अवश्य ध्यान में रखना हैं की, इस पैटर्न के साथ साथ किसी दूसरे इंडिकेटर से भी आपको उसी समय एक जैसा ही कन्फर्मेशन मिल रहा हो तो ही आपको ट्रेड करना हैं ।
DOUBLE BOTTOM ( W ) PATTERN :- यह चार्ट पैटर्न ‘M’ चार्ट पैटर्न से बिल्कुल ही विपरीत होता हैं। जब आप को टेक्निकल चार्ट पर किसी स्टॉक या इंडेक्स का एनालिसिस करते समय मार्केट प्राइस उस समय के LOW पर होता हैं , और तब टेक्निकल चार्ट पर कैंडल स्टीक SUPPORT के पास इंग्लिश ‘W’ जैसा कोई आकार बना देता हैं, तो वहा से हमे मार्केट प्राइस बढ़ने के संकेत मिल जाते हैं। आपने इस पैटर्न को भी बहुत बार देखा होगा। ये चार्ट पैटर्न आपको बहुत जल्द समझ में आ सकता हैं।

इस बार भी आपको एक बात अवश्य ध्यान में रखनी हैं की, इस पैटर्न के साथ साथ किसी दूसरे इंडिकेटर से भी आपको उसी समय एक जैसा ही कन्फर्मेशन मिल रहा हो तो ही आपको ट्रेड करना हैं।
HEAD AND SHOULDER PATTERN :- ये एक ऐसा चार्ट पैटर्न होता हैं, जिसके नाम में ही उसका अर्थ छुपा हुआ हैं। HEAD AND SHOULDER का मतलब दो कंधे और एक सर होता हैं ।
जब भी TECHNICAL CHART पर रेसिस्टेंस लेवल के पास मार्केट प्राइस थोड़ा उपर जाता हैं और फिर नीचे आ जाता हैं। बाद में फिर से मार्केट प्राइस उसके पहले HIGH को तोड़ कर एक नया HIGH बनाकर फिर नीचे रेसिस्टेंस के पास आकर फिर एक बार थोड़ा उपर जाकर नीचे आता हैं। तब वहा चार्ट पर मार्केट प्राइस दो कंधे और बीच में एक सर जैसा आकार बनाता हैं।

ऐसी स्थिति में वहा से मार्केट प्राइस तेजी से नीचे जाने की संभावना बढ़ती हैं। इससे हमे BEARISH या SELL के संकेत मिल जाते हैं।
और यही प्रक्रिया जब मार्केट प्राइस सपोर्ट लेवल के पास होती हैं। मतलब जब मार्केट प्राइस जब सपोर्ट लेवल के पास HEAD AND SHOULDER पैटर्न बनाता हैं ,तो वहा से हमे तेजी से BUY के संकेत मिलते हैं। वहा से मार्केट प्राइस उपर जाने की संभावना अधिक होती हैं।
इस लिए चार्ट पर इस प्रकार के पैटर्न को HEAD AND SHOULDER पैटर्न कहा जाता है। इसका उपयोग करके हम आसानी से मार्केट ट्रेंड को समझ पाते हैं।
FLAG PATTERN :- इस चार्ट पैटर्न को FLAG पैटर्न कहना का एक कारण यह हैं की , ये चार्ट पर तिकोनाकार झंडे के आकार में दिखाई देता हैं। ये भी एक लोकप्रिय चार्ट पैटर्न माना जाता हैं। जब मार्केट प्राइस किसी रेसिस्टेंस के पास ट्रेड कर रहा होता हैं, तब मार्केट प्राइस में VOLATALITY थोड़ी थोड़ी करके कम होते जाती हैं। और टेक्निकल चार्ट पर कैंडल स्टीक एक तिकोनाकार झंडे जैसा पैटर्न बना देता हैं।

तब ट्रेडर्स मार्केट प्राइस को रेसिस्टेंस के उपर की साइड ब्रेक होने का इंतजार करते हैं। और उसके बाद जब मार्केट प्राइस उस रेसिस्टेंस के उपर की साइड ब्रेक आउट देता हैं, तो वहा से ट्रेडर्स BUY की पोजिशन लेते हैं। और तब BUY साइड में बड़ा मूवमेंट होने की संभावना बढ़ जाती हैं।
और जब मार्केट प्राइस किसी SUPPORT के पास ट्रेड कर रहा होता हैं, तब मार्केट प्राइस में VOLATILITY थोड़ी थोड़ी करके कम होते जाती हैं। और टेक्निकल चार्ट में नीचे की साइड सपोर्ट पर कैंडल स्टीक एक तिकोनाकार झंडे जैसा दिखने वाला पैटर्न बना देता हैं।
तब उस समय ट्रेडर्स मार्केट प्राइस को सपोर्ट के नीचे की साइड ब्रेक डाउन होने का इंतजार करते हैं। और जैसे ही मार्केट प्राइस उस सपोर्ट के नीचे की साइड ब्रेक डाउन देता हैं, तो वहा से मार्केट प्राइस SELL साइड जाने के संकेत मिलते हैं। तब मार्केट प्राइस वहा से तेजी से गिर सकता हैं। और वहा से मार्केट में SELLING बढ़ सकती हैं।
इस प्रकार से हमे TECHNICAL ANALYSIS करते समय FLAG पैटर्न से BUY और SELL के संकेत मिलते हैं। लेकिन आपको इस पैटर्न के साथ साथ उसी समय किसी दूसरे इंडिकेटर से भी मिल रहे एक जैसे कन्फर्मेशन को भी देखना हैं , अगर इंडिकेटर से भी आपको एक जैसा ही संकेत मिल रहा हो तो ही आप ट्रेड कर सकते हो। इस बात को आपको हमेशा ध्यान में रखना हैं।
वैसे कुछ और भी चार्ट पैटर्न होते हैं ,मगर जो समझने में सबसे अधिक आसान पैटर्न हैं, उनके बारे में हमने यहां पर विस्तृत में समझा हैं। बाकी पैटर्न नए ट्रेडर्स के लिए समझने में ज्यादा कठिन होते हैं, इस कारण हमने उनके बारे में यहां चर्चा नहीं की।
और अब हम यहां पर कुछ सबसे आसान और लोकप्रिय टेक्निकल टूल्स के बारे में समझेंगे।
TECHNICAL ANALYSIS TOOLS :-
FIBONACCI RETRACEMENT :- चार्ट पर तकनीकी विश्लेषण करने के लिए ये भी एक बहुत ही प्रचलित टूल हैं। इस टूल्स के प्रयोग से चार्ट पर ENTRY, EXIT और TARGET पॉइंट मिल जाते हैं। इसका मतलब अगर आप लेवल को देख कर ट्रेड लेते हो तो आपको ये टूल्स लेवल निकाल के देता हैं।
इस टूल्स के उपयोग के लिए आपको टेक्निकल चार्ट पर कोई एक बड़ी SWING ढूंढनी होती हैं। और स्विंग के HIGH & LOW पर FIBONACCI टूल DRAW करना होता हैं। तो वहा पर आपको 0, 38.20, 50, 61.80, 78.60 और 100 ऐसे लेवल मिलते हैं। इनमे से हमे 38.20 और 61.80 ये दो लेवल के बीच जो ZONE बनता हैं , यही हमारे लिए GOLDEN ZONE होता हैं।
इस ZONE से मार्केट प्राइस कैसे ट्रेड करता हैं। इसे देखकर ही हमे ट्रेड ENTRY लेनी होती हैं।
जब मार्केट प्राइस गिर रहा होता हैं , तब आपको चार्ट पर एक बड़ी SWING पर HIGH से LOW तक फिबोनैकी DRAW करना होता हैं, तो आपको वहा उपर से नीचे 100, 78.60, 61.80, 50, 38.20, और 0 ऐसे लेवल मिलेंगे। इनमे से हमे 61.80 और 38.20 ये दो लेवल के बीच में GOLDEN ZONE मिलता हैं।
तब गिरता हुआ मार्केट प्राइस फिर से मुड़कर उपर ( बढ़ने) जाने की कोशिश करने लगे,और GOLDEN ZONE से मतलब 61.80 और 38.20 ये दो लेवल तक जाकर या इसके बीच से मुड़कर फिर तेजी से गिरने लगे, तो वहा से मार्केट प्राइस फिर तेजी से गिरने वाला हैं, ये संकेत मिलते हैं। इस तरह हमे वहा पर SELL सिग्नल मिलता हैं।
इस प्रकार आप GOLDEN ZONE के नीचे से तुरंत SELL के लिए ट्रेड पोजिशन ले सकते हो।
बिल्कुल उसी प्रकार मार्केट प्राइस जब बढ़ रहा होता हैं,तब आपको चार्ट पर एक बड़ी SWING पर LOW से HIGH तक फिबोनैकी DRAW करना हैं, तो वहा उपर से नीचे 0, 38.20, 50, 61.80, 78.60 और 100 ऐसे लेवल मिलेंगे। इनमे से हमे 38.20 और 61.80 ये दो लेवल के बीच में GOLDEN ZONE मिलता हैं।
और फिर चढ़ता मार्केट प्राइस अगर फिर से मुड़कर पीछे जाने ( घटने ) लगे और GOLDEN ZONE से मतलब 38.20 और 61.80 ये दो लेवल तक जाकर या इसके बीच से मुड़कर फिर से तेजी से बढ़ने लगे, वहा से मार्केट प्राइस फिर तेजी से बढ़ने वाला हैं, ऐसे संकेत हमे मिलते हैं। इस तरह हमे वहा पर BUY सिग्नल मिलता हैं।
इस प्रकार आप GOLDEN ZONE के उपर से तुरंत BUY के लिए ट्रेड पोजिशन ले सकते हो।
और यदि मार्केट प्राइस 61.80 और 38.20 या 38.20 और 61.80 इस GOLDEN ZONE से अगर मुड़ता नही हैं, और उसी दिशा में GOLDEN ZONE से आगे सीधा निकल जाता हैं, तो इसका मतलब हैं की मार्केट ट्रेंड में RETRACEMENT ना होकर मार्केट ट्रेंड वहा से पूरी तरह से बदल गया हैं। तो वहा पर हमे ट्रेड से तुरंत EXIT करनी हैं। हमेशा ये बात अवश्य ध्यान में रखिए।
इस प्रकार से आपको FIBONACCI टूल का उपयोग करके ट्रेडिंग करनी हैं। यदि आप सही तरीके से चार्ट पर FIIBONACCI DRAW करेंगे और बताए गए तरीको का पालन करेंगे तो आपको अच्छे परिणाम मिल सकते हैं।
HORIZONTAL LINE :- टेक्निकल चार्ट पर होरिजोंटल लाइन TECHNICL ANALYSIS के लिए ये एक बहुत उपयोगी टूल हैं। इसका उपयोग करके हम चार्ट पर आसानी से लेवल निकाल सकते हैं।
जब टेक्निकल चार्ट पर कैंडल स्टीक किस लेवल को बहुत बार छूकर फिर से निकल जाता हैं, ऐसे दो से अधिक पॉइंट्स को सीधा एक लाइन में जोड़ने के लिए हमे होरिजोंटल लाइन इस टूल का बहुत उपयोग होता हैं। इस टूल की मदत से हम चार्ट पर सपोर्ट और रेसिस्टेंस लेवल निकाल सकते हैं। इस प्रकार TECHNICAL ANALYSIS में HORIZONTAL लाइन का प्रगोग किया जाता हैं।
TREND LINE :- मार्केट में चल रहे ट्रेंड को चार्ट पर चढ़ते या गिरता हुआ दिखाने के लिए इस टूल का उपगोग किया जाता हैं। ट्रेंड लाइन से हम चार्ट पर यदि मार्केट प्राइस गिर रहा हैं ,या बढ़ रहा हैं उसके अनुसार उपर से नीचे की ओर या फिर नीचे से ऊपर की ओर जहा जहा मार्केट दो से अधिक पॉइंट्स को छूकर वहा से नीचे या उपर जा रहा होता हैं , उस दो से अधिक पॉइंट्स को जोड़कर वहा से हम उपर से नीचे मतलब SELL TREND और नीचे से उपर मतलब BUY TREND को दर्शाने के लिए TREND LINE का उपयोग करते हैं।
जब मार्केट प्राइस ट्रेंड लाइन के उपर या नीचे ब्रेक आउट या ब्रेक डाउन दे तो वहा से ट्रेंड बदलने के हमे संकेत मिल जाते हैं। इस प्रकार TREND LINE का TECHNICAL ANALYSIS करते समय उपयोग किया जाता हैं।
इस तरह से हमने TECHNICAL ANALYSIS में उपयोगित सभी महत्वपूर्ण INDOCATOR, TOOLS और CHART PATTERN को यहां पर विस्तृत में समझा हैं। अब हम समझते हैं की TECHNICAL ANALYSIS ( तकनीकी विश्लेषण ) कैसे किया जाता हैं।
TECHNICAL ANALYSIS KAISE करते हैं ?
जैसे की आपने समझा टेक्निकल चार्ट पर आपको अपने हिसाब से कोई एक कैंडल के प्रकार को जैसे CANDLE STICK या HEIKIN ASHI या फिर कोई और कैंडल प्रकार को चार्ट पर सेट करना हैं।
और फिर उपर हमने जितने भी इंडिकेटर को समझा हैं, आप उनमें से कोई दो से तीन इंडिकेटर को चार्ट पर सेट कर सकते हैं। हर एक इंडिकेटर कैसे काम करता हैं, इसका विश्लेषण हमने उपर किया हैं। इसलिए उपर बताये गए पद्धति से उनसे मिल रहे ट्रेंड का अनुमान लेकर ही आपको ट्रेडिंग करनी हैं।
जैसे की EMA का उपयोग करके आप चल रहे ट्रेंड अनुसार ट्रेड ले सकते हो, या फिर BOLINGER BAND का प्रयोग करके और ( LEGING ) नीचे की साइड RSI , MACD जैसे इंडिकेटर का भी कंफर्मेशन लेकर ट्रेडिंग कर सकते हो।
BOLINGER BAND का उपर बताए तरीके से आप उपयोग कर सकते हो। आप उसमे LOWER, MIDDLE और UPER लाइन पर ट्रेड ENTRY, STOPLOSS और प्रॉफिट TARGET लगा कर ट्रेडिंग कर सकते हो।
अगर आपको चार्ट पर कोई कैंडल पैटर्न जैसा आकार दिखाई दे रहा हो तो, जैसे की DOUBLE TOP या BOTTOM या FLAG या फिर HEAD AND SHOULDER पैटर्न इसे देखकर भी उपर बताए गए पद्धति से आप ट्रेडिंग करके मार्केट से लाभ कमा सकते हो।
आप HORIZONTAL या फिर TREND लाइन का उपयोग दो से अधिक पॉइंट्स को जोड़ने के लिए करके ट्रेंड का सही अनुमान लगा सकते हो। PIVOT POINTS से मिलने वाली ऑटोमैटिक लेवल का भी आप उपयोग कर सकते हो। आज से पहले मार्केट प्राइस ने चार्ट पर कैसे बरताव किया था , उसे देखकर भी आपको मार्केट ट्रेंड का अनुमान लगाना हैं।
याद रहे आपको चार्ट पर एक समय दो से तीन तक ही इंडिकेटर लगाने हैं। और लगाए गए सभी इंडिकेटर एक जैसा ही संकेत दे रहे हो तो ही आपको ट्रेड लेना हैं। मतलब दो तीन से अधिक इंडिकेटर का एक जैसा संकेत अगर आपको चार्ट पर मिल रहा हैं , इसका इसका मतलब आपका अनुमान सही हो सकता हैं, और आपको प्रॉफिट मिल सकता हैं।
कभी भी आपको तीन चार से अधिक इंडिकेटर को चार्ट पर लगाना नहीं हैं। क्यू की हो सकता हैं, सभी इंडिकेटर आपको अलग अलग संकेत दे और आप का कंफ्यूजन बढ़ जाए। इस लिए हमेशा दो या तीन इंडिकेटर को सेट करके सक्ति से STOP LOSS लगाकर ही TECHNICAL ANALYSIS करके ट्रेडिंग करे। यही सही तरीका होता हैं।
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट करने के लिए डीमैट अकाउंट ज़रूरी होता हैं , अगर आपको भी FREE DEMAT ACCOUNT ओपन करना हैं , तो यहां से प्रोसेस कीजिए।
इस प्रकार से आप उपर बताए गए पद्धति अनुसार INDICATOR और TECHNICAL TOOLS का उपयोग करके TECHNICAL ANALYSIS कर सकते हो, और मार्केट से लाभ प्राप्त करने का प्रयास कर सकते हो।
TECHNICAL ANALYSIS के फायदे और नुक्सान क्या हैं ?
TECHNICAL ANALYSIS ( तकनीकी विश्लेषण ) के बहुत सारे फ़ायदे हैं, लेकिन उसी के साथ कुछ नुकसान भी होते हैं, ये हम यहां पर समझेंगे।
TECHNICAL ANALYSIS के फ़ायदे:-
- TREND :- TECHNICAL ANALYSIS करने का सबसे बड़ा फ़ायदा ये हैं की , EMA जैसे इंडिकेटर का उपयोग करके हम मार्केट ट्रेंड किस दिशा में जा रहा हैं ,इसका सही अनुमान लगा पाते हैं।
- MARKET LEVEL :- मार्केट प्राइस कहा पर सपोर्ट और रेसिस्टेंस ले सकता हैं , इसका अंदाजा हमे होरीजोंटल लाइन , ट्रेंड लाइन और PIVOT POINTS इस इंडिकेटर से मिल सकता हैं। इस इंडिकेटर से हमे टेक्निकल चार्ट पर ऑटोमैटिक सपोर्ट और रेसिस्टेंस लेवल मिल जाते है।
- OVER BOUGHT & OVER SOLD ZONE :- स्टॉक या इंडेक्स में चल रहे समय में कितनी खरीददारी या बिकवाली हुई हैं, मार्केट OVER BOUGHT हुआ हैं, या OVER SOLD हुआ हैं , इस का अंदाजा हमे RSI जैसे इंडिकेटर से मिल जाता है। RSI लाइन अगर 80 के उपर हो तो OVER BOUGHT और 20 के नीचे जाए तो OVER SOLD ZONE में मार्केट ट्रेड कर रहा हैं। ये अनुमान हम लगा सकते हैं।
- STOP LOSS & TARGET :- चल रहे मार्केट में कब पोजिशन बनानी हैं, मतलब कब ENTRY लेनी हैं, स्टॉप लॉस कहा पर रखना सही होगा, और कहा पर टारगेट रखना उचित हो सकता हैं , इसका सटीक अंदाजा हम PIVOT POINTS, होरिजोंटल & ट्रेंड लाइन जैसे इंडिकेटर और टूल्स के उपयोग से इस मिल रहे लेवल से लगा सकते हैं।
इस तरह हमने TECHNICAL ANALYSIS के क्या क्या फ़ायदे होते हैं, और कैसे उसका उपयोग करके मार्केट से लाभ उठा सकते हैं, इस बात को समझा हैं।
अब हम TECHNICAL ANALYSIS के क्या क्या नुक़सान हो सकते हैं, उसे समझेंगे।
TECHNICAL ANALYSIS के नुक़सान:-
- TRADING STRATEGY :- किसी भी स्टॉक या इंडेक्स के ट्रेंड का सही अनुमान लगाने के लिए आप जो भी TRADING STRATEGY का उपयोग कर रहे हो उसकी एक्युरेसी कैसी हैं, उसके कैसे परिणाम आप को मिल रहे हैं, ये बहुत ही महत्वपूर्ण होता हैं। अगर आपकी ट्रेडिंग स्ट्रेटजी की एक्युरेसी अगर अच्छी नहीं होगी तो, यहां पर आपको बड़े नुकसान उठाने पड़ सकते हैं।
- LATE SIGNAL :- तकनीकि विश्लेषण करने में एक बड़ी समस्या ये हैं की, मार्केट प्राइस में मूवमेंट पहले होती हैं और TECHNICAL CHART पर हमे थोड़े देर बाद संकेत मिलते हैं, जैसे की MACD और RSI ये इंडिकेटर लेगिंग इंडिकेटर होते हैं, ये मार्केट में मूवमेंट होने के कुछ देर बाद संकेत देते हैं। इस कारण हम मार्केट ट्रेंड को तुरंत पकड़ नही पाते।
- OVER CONFIDENCE :- जब टेक्निकल चार्ट पर हमे कुछ इंडीकेटर एक जैसा ही संकेत दे रहे होते हैं, और हम उसे देखकर पोजिशन बनाते हैं। उसके बाद मार्केट में कोई अचानक आए न्यूज़ के कारण हमारा अनुमान गलत हो जाता हैं, और हमारी पोजिशन लॉस में चली जाती हैं, लेकिन फिर भी हम टेक्निकल संकेतो के कारण पोजीशन से एक्जिट नहीं लेते और बाद में हमे बड़ा लॉस लेना पड़ता हैं।
इस प्रकार से हमने यहां पर TECHNICAL ANALYSIS के क्या फ़ायदे और क्या नुक़सान होते हैं, इसे अच्छे से समझा हैं।
आपने इस लेख से क्या सीखा ?
इस प्रकार से हमने यहां पर TECHNICAL ANALYSIS क्या होता हैं, और कैसे करते हैं, इससे संबंधित पूरी जानकारी देना का प्रयास किया हैं। TECHNICAL ANALYSIS करने में कोन कोन से इंडीकेटर का किस प्रकार से उपयोग किया जाता हैं, और चार्ट पैटर्न क्या होता हैं, टेक्निकल टूल्स कोन कोन से हैं ,कैसे उनका उपयोग करके टेक्निकल एनालिसिस आसानी से किया जा सकता हैं, इन सभी मुद्दों पर विस्तृत रूप में विश्लेषण किया हैं।
हमारे द्वारा दिए गई जानकारी आपके लिए फायदेमंद साबित हो, हम ये अपेक्षा करते हैं। आपको ये लेख कैसा लगा और यदि आप हमें कोई सुझाव देना चाहते हो तो कृपया नीचे कॉमेंट्स में लिखिए।
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