INTRADAY TRADING KYA HEIN AUR INTRADAY TRADING KAISE KARE ? HINDI 2023

शेयर मार्केट से पैसे कमाने के लिए जिन्होंने डीमेट अकाउंट ओपन किया होगा उन्हें सबसे पहला प्रश्न आएगा की इंट्राडे ट्रेडिंग क्या हैं और INTRADAY TRADING ट्रेडिंग कैसे करे ? जो लोग मार्केट में बिल्कुल ही नए हैं। वो लोग इस पोस्ट को पढ़कर अच्छे से जान लेंगे की INTRADAY में ट्रेडिंग कैसे करते हैं। लेकिन जिन्होंने अभी तक ट्रेडिंग के लिए डीमेट अकाउंट ही नही ओपन किया हो वो लोग यहां से फ्री में डीमैट अकाउंट ओपनिंग की प्रोसेस कर सकते हैं।

INTRADAY TRADING

शेयर मार्केट में तीन प्रकार से ट्रेडिंग होती हैं। INTRADAY , SHORT TERM और LONG TERM TRADING ये ट्रेडिंग के मुख्य प्रकार हैं । अगर कोई भी ट्रेडर अपनी बनाई ट्रेड पॉजिशन को एक दिन से लेकर लगभग एक साल तक होल्ड करता हैं तो उसे शॉर्ट टर्म ट्रेंडिंग कहते हैं। और जो कोई ट्रेडर अपनी बनाई हुई ट्रेड पॉजिशन को एक सालसे अधिक समय तक होल्ड करके पैसे कमाते हैं उसे लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग कहते हैं। और अब इंट्राडे ट्रेडिंग क्या हैं ये समझते हैं।

INTRADAY TRADING किसे कहते हैं ?

भारतीय शेयर मार्केट पर SEBI का कंट्रोल होता हैं। SEBI के नियमानुसार भारतीय स्टॉक मार्केट सुबह 9.15 मिनिट पर खुलता हैं और दोपहर 3.30 मिनिट पर बंद हो जाता हैं। तो जो ट्रेडर सुबह 9.15 मिनिट के बाद कोई ट्रेड लेता हैं और 3.30 मिनिट के अंदर कभी भी अपनी ट्रेड पोजिशन स्क्वेयर ऑफ कर देता हैं तो उसे INTRADAY TRADING कहते हैं। इंट्राडे ट्रेडिंग में आपको एक दिन के अंदर ही आपकी ट्रेड पोजिशन स्क्वेयर ऑफ करनी होती हैं। चाहे आपको प्रॉफिट हो या लॉस हो। यहां पर हमे समय की पाबंदी होती हैं। अगर आप सेम डे अपनी ट्रेड पोजिशन से एक्जिट नही करते तो ब्रोकर का सिस्टम आपकी पोजिशन को ऑटो स्क्वेयर ऑफ के देगा। समय की पाबंदी होने के कारण INTRADAY ट्रेडिंग जोखिम भरा होता हैं। लेकिन सही तकनिक और जानकारी के साथ ट्रेडिंग करते हो तो यहा से अच्छे पैसे भी कमाए जाते हैं।

 


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INTRADAY TRADING के नियम (RULE) क्या हैं ?

शेयर मार्केट में डीमेट अकाउंट ओपन करके जो नए लोग आते हैं उन्हें इंट्राडे ट्रेडिंग बहुत आसान और सरल लगती हैं। जब की असल में ऐसा होता नहीं हैं।समय की पाबंदी के कारण इंट्राडे ट्रेडिंग बड़ी जोखिम भरी होति हैं। यहां पर सही तकनीक और सूझबूझ से ट्रेडिंग नहीं हुई तो बड़े बड़े लॉस हो सकते हैं। वैसे भी इंट्राडे ट्रेडिंग करने वाले सिर्फ 5-10 % ही लोग पैसे कमाते हैं बाकी सब यहां अपना कैपीटल लॉस ही कर देते हैं। कुछ सही टेक्निक से इंट्राडे में ट्रेडिंग करके अच्छे प्रॉफिट किया जा सकता हैं। अब हम इंट्राडे के नियम क्या होते हैं ये समझते हैं। 

INTRADAY TRADING के ( RULE) नियम:-

  1. इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए सबसे पहले अच्छे VOLATILITY वाले स्टॉक ही चुनिए।आपको ऐसे स्टॉक चुनने हैं की जिसकी स्टॉक प्राइस में दिन भर में अच्छा मूवमेंट आता हो। क्यू की स्टॉक प्राइस में अच्छी VOLATILITY होंगी तो ही कम समय में आपका ट्रेड पूरा होगा।
  2. कोई एक टेक्निकल एनालिसिस आधारित स्ट्रैटजी सुनिश्चित कीजिए जिसकी एक्युरेसी कम से कम 60 से 80% के बीच में हो। और आपको अच्छा रिजल्ट मिल सके।
  3. ट्रेडिंग शुरू करने से पहले प्रॉफिट और लॉस का फॉर्म्युला सेट कीजिए। जिसे आपको आपके ट्रेड में लगाना हैं।आपकी ट्रेडिंग में प्रॉफिट और लॉस का एक सही प्रमाण लगाकर ट्रेडिंग कीजिए।
  4. प्रॉफिट और लॉस रेश्यो आपकी कैपिटल के हिसाब से रखिए। पर फिर भी 1:2,1:3 और 1:4 ये प्रमाण रखकर ही ट्रेडिंग करना उचित होगा। जादा बड़ा टारगेट और स्टॉप लॉस ना लगाए।
  5. स्टॉप लॉस लगाए बिना ट्रेडिंग बिल्कुल भी न करे। चाहे किसी स्टॉक में आपको चाहे कितना भी कॉन्फिडेंस क्यू ना हो। डिसिप्लिन और सुझबुझ से ही हर एक ट्रेड कीजिए।
  6. एक दिन में 2से 4 ही ट्रेड कीजिए। जो लॉस हुआ हैं उसे उसी दिन रिकवर करने की कोशीश ना करे।ओवर ट्रेड से हमेशा दूर रहे।
  7. जिस ट्रेड में अधीक जोखिम लग रही हैं ऐसे ट्रेड बिल्कुल भी न करे । हमेशा अपना कैपिटल बचाने का प्रयास करे। क्यू की कैपिटल रहेगा तो ही हम मार्केट से प्रॉफिट बना सकेंगे।
  8. जितना भी आपका कैपिटल हैं उसे अलग अलग ट्रेड में डिवाइड करके ट्रेड लीजिए। किसी एक ही ट्रेड में पूरा कैपिटल ना लगाए।
  9. हमेशा इमोशन लेस (भावना विरहित) ट्रेडिंग करे। प्रॉफिट और लॉस हो जाना ये मार्केट में स्वाभाविक बात हैं। इस लिए ट्रेडिंग करते समय भावनीक संतुलन बनाए रखे।
  10. हमेशा मार्केट से सीखते रहे। किसी न्यूज और टिप्स पर ट्रेडिंग ना करे। खुद की स्ट्रेटजी विकसित कीजिए।

इस प्रकार से आप बताए गए सभी नियमों के साथ ट्रेडिंग करते हैं तो आसानी से शेयर मार्केट से प्रॉफिट ले सकते हो। एखाद स्टॉप लॉस भी लग जाए तो भी ओवरऑल ट्रेड से दिन भर में आपको अच्छा मुनाफा हो सकता हैं।

INTRADAY TRADING कैसे करे ?

डीमेट अकाउंट ओपन करने के बाद जब ट्रेडिंग करने की बात आती हैं तो नए ट्रेडर इंट्राडे में ही ट्रेडिंग करना जादा पसंद करते हैं। क्यू की उन्हें इंट्राडे ट्रेडिंग सबसे आसान लगती हैं। लेकिन सही में देखा जाए तो इंट्राडे ट्रेड करके प्रॉफिट बनाना उतना आसान होता नहीं हैं। समय की कमी के कारण यहां पर लोग अपने पैसे लॉस कर बैठते हैं। यहां पर डिसिप्लिन के साथ टेक्निकल एनालिसिस पर आधारित कोई बेस्ट इंट्राडे ट्रेडिंग स्ट्रैटजी का उपयोग करके आप इंट्राडे ट्रेंडिंग से भी अच्छा प्रॉफिट बना सकते हो। 

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  • PROPER ENTRY & EXIT:- जब एक बार डीमेट अकाउंट ओपन हो जाए तो सबसे पहेले हमे ट्रेड पोजिशन कैसे लेते हैं ये सीखना होगा। मतलब की आपने ट्रेडिंग के लिए जो स्टॉक चुना हैं। उसकी क्वांटिटी कैसे सेट करे स्टॉप लॉस कैसे लगाएं और टारगेट कसे सेट करे ये सब अच्छे से सीखना होगा। नही तो ऐन वक्त पर आपकी कोई गलत इंट्री भी पड सकती हैं। इसके लिए जिस ब्रोकर के साथ आपने डीमेट अकाउंट ओपन किया हैं उसके यूट्यूब पे ट्रेडिंग के डेमो वीडियो आप देख सकते हो। और सही प्रकार से ट्रेड में एंट्री कैसे लेते हैं, स्टॉप लॉस और टारगेट कैसे लगाते हैं ये सिख सकते हो। उसके बाद ही आप  फंड डालकर करके ट्रेडिंग की शुरुवात कर सकते हो।
  • HIGH VOLATILITY STOCK:- इंट्राडे ट्रेडिंग में हमे समय की पाबंदी होती हैं। इस लिए कम से कम समय में ही मतलब की एक दिन के ट्रेडिंग सेशन में ही हमने बनाई हुई ट्रेड पॉजिशन स्क्वेयर ऑफ हो जानी चाहिए। इस स्थिति में अच्छे मूवमेंटम स्टॉक में ही हम जल्दी से प्रॉफिट बुक कर सकते हैं। और पोजिशन को EXIT कर सकते हैं। इस कारण INTRADAY के लिए अच्छे वोलाटाइल स्टॉक ही चुनिए।
  • TRADING STRATEGY:- इंट्राडे में ट्रेडिंग करने से पहले आपको कौनसी स्ट्रैटजी के साथ ट्रेडिंग करनी हैं ये सुनिश्चित करना होगा। चार्ट पर टेक्निकल एनालिसिस आधारित कोई स्ट्रेटजी का प्रयोग कर के भी इंट्राडे में अच्छा प्रॉफिट बन सकता हैं। चाहे आपकी स्ट्रेटजी की एक्युरेसी 60 से 80% के बीच में भी होगी तो भी स्ट्रीक्ट स्टॉपलॉस और टारगेट सेट करके आप इंट्राडे ट्रेडिंग करके पैसे कमा सकते हो। जैसे की टेक्निकल चार्ट पर MOVING AVERAGE ( EMA /SMA) ,BOLINGER BAND, VWAP, MACD आदि इंडिकेटर की मदत से अच्छी स्ट्रैटजी बनाकर ट्रेड करके मार्केट से प्रॉफिट बनाना आसान हो जाता हैं।
  • STRICT STOP LOSS :– शेयर मार्केट में स्टॉप लॉस लगाए बिना ट्रेडिंग करना मतलब अपने केपिटल को खुद खतम करवाने जैसा हैं। क्यू की आप किसी भी स्टॉक में चाहे कितने भी शास्वत क्यू ना हो फिर भी स्टॉप लॉस के बिना ट्रेड करना हानिकारक हो सकता हैं। विशेष करके जो स्मॉल कैपिटल लेके ट्रेड करते हैं उनका एक भी ट्रेड स्टॉप से बिना हो जाए और उस ट्रेड में ट्रेंड आपके विरोध में जाए तो एक ही ट्रेड में सब कैपिटल खतम होने में देर नहीं लगेगी। इस लिए हमेशा स्टॉप लॉस लगाकर ही ट्रेडिंग करे।
  • PROFIT & LOSS RATIO:- यदी आप ट्रेडिंग को एक बिजनेस मानकर ट्रेड करते हो और आपको एक यशस्वी ट्रेडर बनाना हैं तो आपको हमेशा कोई भी ट्रेड में इंट्री लेने से पहले प्रॉफिट और लॉस का रेश्यो सुनिश्चित करके ही ट्रेडिंग करनी होगी। मतलब ये की अगर आपने किसी ट्रेड में आपका प्रॉफिट 1000₹ सेट करके रखा हैं तो उस स्थिति में आपको स्टॉप लॉस उस 250₹ या फिर 500₹ ही रखना सबसे उचित रेश्यो होगा। आप हमेशा प्रॉफिट लॉस रेश्यो 1:2,1:3 या फिर 1:4 ये रख सकते हो। क्यू की INTRADAY में जादा बड़ा टारगेट कभी-कभी ही मिलता हैं। जब मार्केट में कोई बड़ा ट्रेंड आता हैं तब और छोटे छोटे टारगेट आसानी से मिल जाते हैं। अगर स्टॉप लॉस हिट भी हो जाए तो आपका लॉस कम होता हैं। और प्रॉफिट का प्रमाण जादा होता हैं।इस कारण 1:2,1:3 या फिर 1:4 ये रेश्यो ही इंट्राडे में सर्वोत्तम रेश्यो माना जाता हैं। इस लिए प्रॉफिट लॉस रेश्यो इस प्रकार सेट करके ही इंट्राडे ट्रेडिंग करे।
  • OVER TRADE:- शेयर मार्केट में हर एक ट्रेड में प्रॉफिट ही होगा ये किसी के लिए भी संभव नहीं होता ।तो इस लिए कभी कभी स्टॉप लॉस भी हिट जाता हैं। लेकिन ऐसी  स्थिति में हो गया हुआ लॉस को उसी दिन रिकवर करने के चक्कर में बहुत ट्रेड हो जाते हैं। तो जादा ट्रेड होगे तो जोखिम भी बढ़ेगा। और फिर एक लॉस रिकवर करने के चक्कर में लॉस पे लॉस हो जाता हैं। और फिर दिन के आखिर में एक बड़ा लॉस लेकर बैठना पड सकता हैं। इस लिए प्रॉफिट लॉस का रेश्यो सेट करने के बाद लॉस होगा भी तो वो कम ही होगा। और आपसे भावनिक संतुलन खोकर जादा ट्रेड होंगे भी नही। इस लिए ओवर ट्रेड से हमेशा बचने का प्रयास करे।
  • AVOID RISKY TRADE:- किसी न्यूज या टिप्स के चक्कर में पड़कर जिसमे अधिक जोखिम हो ऐसे ट्रेड में इंट्री ही न करे। किसी न्यूज को सुनकर किसी स्टॉक में जादा शास्वत होकर अपना पूरा कैपिटल एक ही ट्रेड में लगा देना बिल्कुल ही गलत हो सकता हैं। क्यू की यदि उस ट्रेड पॉजिशन में ट्रेंड आपके विरोध में जाता हैं तो आपको एक बड़ा लॉस उठाना पड़ सकता हैं। और कभी कभी छोटा प्रॉफिट लेने के लिए एक बड़ा लॉस सेट करके ट्रेड लेने से आपको बड़ा लॉस होने की संभावना बढ़ती हैं।इस लिए हमेशा अधिक जोख़िम भरे ट्रेड से दूर ही रहे।  
  • EMOTIONLESS TRADE:- शेयर मार्केट में सबसे अधिक नुकसान होने का हमेशा बस एक ही कारण होता हैं। वो हैं भावना ( EMOTION) इस पर कंट्रोल करना सबके लिए बड़ा मुश्किल काम होता हैं। क्यू की ट्रेडिंग करते समय प्रॉफिट हो जाना या लॉस हो जाना ये तो स्वाभाविक बात होती हैं। लेकिन कई बार ऐसा हो जाता हैं की हमारा PREDICTION सही होता हैं। और उस समय मार्केट RETRACEMENT कर देता हैं। और हमे लॉस दिखने लगता हैं। तब इमोशन में हमारा संतुलन खो जाता हैं। और हम लॉस में हमारी पोजिशन काट देते हैं। और फिर कुछ देर बाद वही स्टॉक का प्राइस हमने सेट किए हुए टारगेट साइड की और चला जाता हैं। फिर ऐसी स्थिति में हम पछतावा करते हैं की हमने जल्दबाजी में लॉस बुक न किया होता तो अब अच्छा टारगेट मिल जाता। ऐसा सब के साथ हुआ होगा। इसलिए हमेशा हमे स्टॉप लॉस और टारगेट एक बार सेट किया तो उसमे चेंज नहीं करना चाहिए। और हमें इमोशन लेस ट्रेडिंग ही करनी होगी तो जाके हम मार्केट से प्रॉफिट बना सकेंगे।
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INTRADAY TRADING किसके लिए फायदेमंद है ?

INTRADAY TRADING करने के भी कुछ सही तरीके होते हैं। इनका उपयोग करके अनुभवी ट्रेडर सुझबुझ से मार्केट से पैसे कमाते हैं। जानकार ट्रेडर अलग अलग स्ट्रैटजी का प्रयोग करके जैसे की स्कॅल्पिंग, स्विंग ट्रेडिंग,ऑप्शन ट्रेडिंग करके मार्केट से प्रॉफिट करते हैं।

इंट्राडे ट्रेडिंग में स्कॅल्पिंग एक सबसे अच्छा तरीका होता हैं। स्कॅल्पिंग में ट्रेड 2 से 5 मिनिट में पूरा हो जाता हैं। पर क्वांटिटी जादा होती हैं। और टारगेट और स्टॉप लॉस छोटा होता हैं। इस लिए इंट्राडे में इस तकनीक से ट्रेडिंग सबसे अधिक फायदेमंद होती हैं। वैसे ही स्विंग ट्रेडिंग में मार्केट में आनेवाली मूवमेंट का फायदा उठा कर HIGH पर SELL और LOW पर BUY की पॉजिशन बनाकर ट्रेडिंग होती हैं। और आसानी से यहा से ट्रेडर पैसे कमाते हैं। इस प्रकार से इंट्राडे में ऑप्शन ट्रेडिंग बहुत ही जादा की जाति हैं। क्यू की ऑप्शन ट्रेडिंग में छोटे कैपिटल से भी अधिक प्रॉफिट बनाने की संभावना होती हैं।और ऑप्शन में HIGH VOLATILITY होती हैं। इस कारण इंट्राडे में निफ्टी और बैंकनिफ्टी में ऑप्शन ट्रेडिंग अधिक प्रमाण से की जाती हैं।

इस लिए INTRADAY में इन तीनों प्रकार से ट्रेडिंग करने वाले ट्रेडर्स अधिक सक्रिय होते हैं। इनके लिए INTRADAY TRADING हमेशा फायदेमंद होती है।

निष्कर्ष:-

इस प्रकार से यहां हमने समझा है की इंट्राडे ट्रेडिंग जोखिम भरी जरूर होती हैं। पर फिर भी उपर बताए गए ट्रेडिंग नियमों का सक्ति से पालन करके और कोई टेक्निकल एनालिसिस आधारित स्ट्रैटजी का उपयोग करके यहा से भी डेली अच्छा मुनाफा बनाया जा सकता हैं। इस तरह हमने इंट्राडे ट्रेडिंग क्या होती हैं, और कैसे करते हैं। ये विस्तृत स्वरूप में समझा हैं। अपेक्षा करते हैं की ये जानकारी आपके लिए फायदेमंद होगी। अगर ये लेख आपको अच्छा लगा होगा और आप हमे कोई सुझाव देना चाहते हो तो कृपया नीचे कॉमेंट्स में लिखिए।


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