जी हां दोस्तों 1000 रुपये जैसे छोटे कैपिटल फंड से भी आप OPTION TRADING शुरू कर सकते हो। ऑप्शन ट्रेडिंग में 1000₹ जैसे छोटे फंड को लेकर ऑप्शन ट्रेडिंग करना संभव होता हैं। लेकिन ऑप्शन ट्रेडिंग ये सेगमेंट बहुत रिस्की होता हैं। ऑप्शन में ट्रेडिंग करने से पहले आपको ऑप्शन ट्रेडिंग के बारे में पूरी जानकारी होनी बेहद जरूरी होती हैं।

तो इस लिए हमे ऑप्शन ट्रेडिंग के बारे में जानना जरूरी हैं। OPTION TRADING क्या है और ऑप्शन ट्रेडिंग में कोन कोन सी जोखिम होती हैं , ये सब अब हम यहां समझते हैं।
OPTION TRADING क्या हैं ? OPTION TRADING MEANING
शेयर मार्केट में DERIVATIVES TRADING को ही OPTION TRADING कहा जाता हैं। ये ट्रेडिंग सेगमेंट एक लिमिटेड समय निर्धारित कॉन्ट्रैक्ट पर आधारित होता हैं। जिनका कैपिटल स्मॉल हैं , और जो ट्रेडर्स बड़े कैपिटल को लेकर ट्रेडिंग करते हैं ये सभी ट्रेडर्स ऑप्शन ट्रेडिंग की ओर अधिक आकर्षित होते हैं। INTRADAY TRADING और SWING TRADING करने वाले ट्रेडर्स के लिए सेगमेंट एक सही विकल्प हैं।
ये एक समय निर्धारित CONTRACT सेगमेंट होने के कारण OPTION सेगमेंट में समय का मूल्य (प्रीमियम) का टोकन देकर ट्रेडिंग किए जाती हैं। ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट में जितना अधिक समय होता हैं , उसके अनुसार प्रीमियम की Value होगी। ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट में जितना कम समय बचता जाता हैं उस के अनुसार प्रीमियम भी घटते जाता हैं। इस सेगमेंट में आपने जितना प्रीमियम देकर ट्रेड पोजिशन बनाई हुई हैं, आपका आखरी लॉस भी उतना ही होगा। लेकिन यहां आपने लगाए अनुमान अनुसार ट्रेंड में मूवमेंट हुआ तो प्रॉफिट भी बड़ा या अनलिमिट हो सकता हैं। इस कारण OPTION TRADING में HIGH VOLATILITY देखने को मिलती है।
ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट के बचे हुए समय अनुसार जितना प्रीमियम देकर आपने ट्रेड लिया हैं , उतना ही आपका आखरी लॉस होगा , अगर ट्रेड आपके लगाये अनुमान अनुसार चला जाए और बड़ी मूवमेंट आ जाए तो यहां प्रॉफिट की कोई सीमा नहीं होती हैं । मतलब आपका लॉस होगा तो जितना आपने प्रीमियम देकर ट्रेड लिया था, उतना ही आपका आखरी लॉस होगा।
इस प्रकार यहां प्रॉफिट का कोई लिमिट नही, और लॉस लिमिटेड होता हैं। इस तरह किसी स्टॉक या इंडेक्स के ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट में चल रहे समय मूल्य देकर उसके लॉट साइज में BUY और बाद में SELL करके किए जाने वाली ट्रेडिंग प्रणाली को OPTION TRADING कहते हैं।
इस सेगमेंट में कम प्रीमियम देकर बड़े प्रॉफिट के लिए ट्रेडिंग का अवसर मिल जाता हैं, इस कारण शेयर मार्केट में ऑप्शन में सबसे अधिक VOLATILITY देखने को मिलती हैं। लेकिन ये समय निर्धारित सेगमेंट होने के कारण जैसे जैसे ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट का समय कम होते जायेगा वैसे वैसे प्रीमियम ऑटोमेटिकली घटते जाता हैं। इस लिए OPTION TRADING को सबसे रिस्की या जोखिमभरा ट्रेडिंग कहा जाता हैं।
ऐसे कॉन्सेप्ट के कारण ऑप्शन ट्रेडिंग नए ट्रेडर्स के लिए समझने में बहुत आसान लगता हैं, इस लिए नए ट्रेडर्स इस सेगमेंट में ज्यादा आकर्षित होते हैं। शेयर मार्केट की सही समझ और जानकारी ना होने के कारण और HIGH VOLATILITY के कारण ये यहां पर अपने पैसे गवा देते हैं।

लेकिन ट्रेडिंग के कुछ नियमों का पालन करके और उसके साथ साथ TECHNICAL ANALYSIS करके ऑप्शन ट्रेडिंग से भी बहुत अच्छे प्रॉफिट कमाए जा सकते हैं। अब हम समझते हैं की वो कोनसे ट्रेडिंग नियम हैं , जिसका पालन करके OPTION TRADING से अच्छे परिणाम निकाल सकते हैं। उन नियमों को हम यहां पर समझते हैं।
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OPTION TRADING के नियम :-
ऑप्शन ट्रेडिंग ये ट्रेडिंग सेगमेंट सबसे जोखिम भरा होता हैं, फिर भी सही सूझभुज से और कुछ नियमों का सक्ति से पालन करके यहां से भी आकर्षक प्रॉफिट कमाए जा सकते हैं।
- PAPER TRADING :-यदि आप शेयर मार्केट मे नए नए हो तो आपको एकदम से लाइव ट्रेडिंग बिल्कुल भी नही करनी हैं। सबसे पहले आपको कोइ एक अच्छी स्ट्रेटजी को लेकर कुछ दिनों तक पेपर ट्रेडिंग करनी हैं। उसके के बाद जब आपका कॉन्फिडेंस बढ़ जायेगा तो आप लाइव ट्रेडिंग कर सकते हैं।
- VOLATILITY :- OPTION TRADING में आपको सबसे पहले ऐसे स्टॉक या इंडेक्स का चयन करना हैं, जिसमे HIGH VOLATILITY हों। क्यू की अगर VOLATALI TY कम होगी तो आपका प्रॉफिट टारगेट कम समय में पूरा नहीं होगा। और जितने समय तक आपका ट्रेड पूरा नहीं होगा तब तक आपका प्रीमियम घटते जायेगा। इस लिए ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए हमेशा HIGH VOLATILE स्टॉक या इंडेक्स का ही चयन करे।
- STRIKE PRISE :- जिस स्टॉक या इंडेक्स को लेकर आपको ट्रेडिंग करनी हैं, उसके करंट प्राइस पर चल रहे प्रीमियम का ही ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए चयन करे। चल रहे करंट प्राइस से दूर का प्रीमियम मतलब (OUT OF THE MONEY) प्रीमियम ऑप्शन के लिए ना चुने। क्यू की मार्केट रेंज बाउंड रहा तो दूर का ऑप्शन प्रीमियम घटते रहता हैं। और आपको लॉस हो सकता हैं। इस लिए करंट प्राइज पर चल रहे AT THE MONEY प्रीमियम का ही ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए चयन करे।
- TREND:- जो भी स्टॉक या इंडेक्स में आप ऑप्शन ट्रेडिंग करने की सोच रहे हो उसके चल रहें ट्रेंड को पहले समझ लीजिए, चुने हुए स्टॉक या इंडेक्स का ट्रेंड अप साइड हैं या डाउन साइड इसे देखकर ही ट्रेडिंग करे। जब मार्केट रेंज बॉन्ड चल रहा हो तो ऐसे में ट्रेडिंग ना करे, क्यू की ऐसी स्थिति में आपका टारगेट मिस होता रहेगा और स्टॉप लॉस पे स्टॉप लॉस हिट होते रहेंगे, उसी के साथ ऑप्शन प्रीमियम भी घटता जायेगा। इस लिए हमेशा ट्रेंड को ही फ़ॉलो करके ऑप्शन ट्रेडिंग कीजिए।
- LOT SIZE:- OPTION TRADING करते समय आपको लॉट साइज का बहुत ध्यान रखना होगा। आपका कैपिटल कितना हैं, उसके अनुसार आप कितना लॉस ले सकते हो उस हिसाब से ही लॉट लेकर ऑप्शन ट्रेडिंग करना जरूरी हैं। क्यू की आपके कैपिटल की क्षमता से अधिक आपने लॉट साइज को लेकर ट्रेडिंग की तो अगर लॉस होगा तो भी आपकी कैपिटल क्षमता से अधिक हो सकता हैं, इस लिए हमेशा आपकी लॉस सहेने ही क्षमता के अनुसार ही लॉट साइज लेकर ट्रेडिंग करे।
- STOP LOSS & TARGET :- ऑप्शन सेगमेंट हो या कोई और आपको हमेशा प्रॉफिट टारगेट और स्टॉप लॉस का रेश्यो सेट करके ही ट्रेडिंग करनी हैं। जैसे की 1:2,1:3 या 1:4 इस हिसाब से ही आपको स्टॉपलॉस और टारगेट का रेश्यो सेट सुनिश्चित करके ही ऑप्शन ट्रेडिंग करनी हैं। मतलब हमेशा आपका प्रॉफिट टारगेट स्टॉपलॉस से दुगना या उससे अधिक का ही होना चाहिए। तो ही आपको ओवर ऑल प्रॉफिट हो सकता हैं।
- OVER TRADE :- ट्रेडिंग चाहे ऑप्शन हो या और कोई आप हमेशा दिन में 2/3 ही ट्रेड करे। उससे अधिक ट्रेड होगे तो जोखिम भी अधिक उठानी होगी। और हर बार आपका अनुमान सही नही हो सकता, इस लिए कभी कभी लॉस पे लॉस भी हो सकता हैं। हमेशा लिमिटेड ट्रेड ही करना उचित होता हैं। इसलिए हमेशा ओवर ट्रेड से दूर रहे।
इस तरह हमने यहां पर OPTION TRADING के लिए जरूरी टिप्स और नियमो को समझा हैं। ध्यान रहे आपको इन सब नियमों का पालन करके ही ऑप्शन ट्रेडिंग करनी जरूरी हैं।

इस प्रकार उपर बताए गए नियमों का सक्ति के साथ पालन करोगे तो 1000₹ जैसी छोटी कैपिटल राशि के साथ भी ऑप्शन ट्रेडिंग किए जा सकती हैं। लेकिन इतनी छोटी कैपिटल राशि को लेकर ट्रेडिंग करने की हम बिल्कुल भी सलाह नहीं देंगे।
OPTION TRADING ये बहुत ही जोखिम भरा सेगमेंट हैं, और HIGH VOLATILITY के कारण इतनी छोटी राशि को खतम होने में यहां देर नहीं लगेगी। इसलिए इससे थोड़ा बड़ा कैपिटल लेकर ट्रेडिंग करना बेहतर होगा।
और यह भी ध्यान में रखना बहुत जरूरी है कि 1000₹ जैसे छोटे कॅपिटल राशी के साथ ट्रेडिंग करना संभव हैं, लेकीन ये बिलकुल भी सही ट्रेडिंग विक्लप नही हो सकता। आप ट्रेडिंग करते समय कितना स्टॉप लॉस और टारगेट सुनिश्चित करके ट्रेडिंग करते हो इस पर किसी भी ट्रेडिंग सेगमेंट में ट्रेडिंग के लिए आपको कितने कैपिटल जरूरत होगी, ये निर्भर होता हैं।
OPTION TRADING ये एक अति गतिमान ट्रेडिंग सेगमेंट होता हैं, इस लिए होने वाले लॉस को RECOVER करने के लिए भी आपको एक आवश्यक फंड की जरूरत होगी । तो ऐसे में ट्रेडिंग करने के लिए उतना कैपिटल तो आपको रखना बहुत जरूरी हैं।
अगर कैपिटल बड़ा रखकर ट्रेडिंग होगी तो आपको प्रॉफिट टारगेट और स्टॉप लॉस अच्छे से सेट करने में आसानी होगी। और उपर बताए गए रेश्यो अनुसार स्टॉप लॉस और टारगेट लगाकर ऑप्शन ट्रेडिंग आप करोगे तो आप यहां से अच्छा प्रॉफिट निकाल सकते हो।
इस प्रकार हमने OPTION TRADING क्या हैं और ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे करते हैं। ऑप्शन ट्रेडिंग के क्या नियम होते हैं है, इसको समझा हैं।
इस लेख से आपने क्या सीखा ?
हमने इस लेख में ऑप्शन ट्रेडिंग के बारे में जानकारी दी हैं। ये एक जोखिम भरा ट्रेडिंग सेगमेंट होता हैं। और यहां पर 1000₹ जैसे कम कैपिटल को लेकर OPTION TRADING किए जा सकती हैं। 1000₹ जैसे छोटे कैपीटल से यहां ऑप्शन ट्रेडिंग करना संभव होता हैं। लेकिन फिर भी इतने छोटे कैपिटल से ट्रेडिंग करना कभी भी सही नही हो सकता। ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए एक आवश्यक कैपिटल की जरूरत होती हैं। आवश्यक कैपिटल को लेकर ही ट्रेडिंग करना बेहद जरूरी होता हैं।
और हमने यहां पर ये भी समझ लिया हैं की, 1000₹ जैसी छोटी कैपिटल राशि के साथ ऑप्शन ट्रेडिंग कर सकते हैं या नहीं, और ये कितना सही हो सकता है।
इस प्रकार से हमने यहां पर ऑप्शन ट्रेडिंग संबंधित पूरी जानकारी देना का प्रयास किया हैं। हमारे द्वारा दिए गई जानकारी आपके लिए फायदेमंद साबित हो, हम ये अपेक्षा करते हैं। आपको ये लेख कैसा लगा और यदि आप हमें कोई सुझाव देना चाहते हो तो कृपया नीचे कॉमेंट्स में लिखिए।